3 तरह की Automatic गियर वाली कारें, आपके लिए कौन सी बेस्ट
मार्केट में Automatic गियरबॉक्स या Automatic Transmission कारों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। पहले यह टेक्नोलॉजी केवल महंगी कारों में ही मिलता थी, लेकिन अब कार कंपनियों ने इस टेक्नोलॉजी को hatchback, compact SUV, compact sedan में भी देना शुरू कर दिया है।
मौजूदा समय में तीन तरह के Automatic Transmission – AMT, CVT और DCT पॉपुलर हैं, लेकिन लोगों के बीच यह कंफ्यूजन रहती है कि उनके लिए कौन सी टेक्नोलॉजी वाली कार बेस्ट है। यहां आपको बता रहे हैं कि इन तीनों ट्रांसमिशन का काम क्या है और यह किस तरह की ड्राइविंग करने वालों के लिए बेस्ट हो सकता हैं।
Automatic Manual Transmission (AMT)

इस वक्त Automatic Manual Transmission (AMT) जिसे सेमी Automatic Transmission भी कहा जाता है, की डिमांड तेजी से बढ़ी है। AMT दरअसल, Automatic या क्लच-लेस गियरबॉक्स नहीं है बल्कि यह एक Manual Transmission है, जो बिना क्लच दबाए गियर बदलने की सुविधा देता है। इस तरह के ट्रांसमिशन यूनिट में दो मुख्य चीजों – hydraulic actuator system और electric control unit का इस्तेमाल होता है। असल में यह एक किट है जिसे किसी भी रेग्युलर मैनुअल ट्रांसमिशन में जोड़ा जा सकता है जोकि इसे कार कंपनियों के लिए बेहद कम लागत वाला सॉल्यूशन बनाता है।
सरल भाषा में ऐसे समझें…

इस तरह के ट्रांसमिशन का क्लच अपने आप काम करता है और यह सर्वो मोटर से ऑपरेट होता है, जोकि इसे Automatic बनाता है। आसान भाषा में कहें तो आपके स्पीडों मीटर में स्पीड के हिसाब से गियर चेंज होता दिखाई देती है। गियर चेंज करने के लिए आपको क्लच या गियरबॉक्स का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता।
AMT को पेट्रोल और डीजल दोनों इंजन ऑप्शन में उपलब्ध कराया जाता है। फ्यूल एफिशियंसी के मामले में भी AMT मॉडल्स Manual Transmission की तुलना में 5 से 10 फीसदी कम या करीब-करीब बराबर ही रहता है। इसके अलावा, इसका मैनटेनेंस कॉस्ट भी काफी किफायती है। इस वक्त Kwid, Celerio से लेकर Tata Nexon, Ford Ecosport आदि कारों में AMT वर्जन मिल जाता है।
Continuously Variable Transmission (CVT)

Continuously Variable Transmission (CVT) टेक्नोलॉजिकली ज्यादा एंडवास गियरबॉक्स है और यह एक्सलेरेशन के लिए सिंगल गियर स्पीड का इस्तेमाल करता है। इसमें भी ड्राइविंग के लिए क्लचलेस सिस्टम लगा हुआ है। गियर रेश्यो जेनरेट करने के लिए CVT में स्टील पुली और बेल्ट का यूज किया जाता है। CVT में कोई गियर नहीं होता है और इसमें गियर चेंज भी नहीं होता है, बल्कि केवल रेश्यो बदलता है।
इस तरह के ट्रांसमिशन बेहद कम आवाज करते हैं और इसका यूज भारत में Automatic Scooters में काफी ज्यादा किया जाता है। हालांकि, CVT Transmission में स्पीड बढ़ाने या कार को ओवरटेक करने में ज्यादा RPM का यूज होता है जिससे इसकी आवाज बढ़ जाती है। CVT मॉडल करीब-करीब उतना ही माइलेज देता है जितना Mannual Transmission वाली कार देती है। आपको Nissan Micra और Maruti Baleno जैसे किफायती कारों में भी CVT का ऑप्शन मिल जाएगा।
Dual Clutch Transmission (DCT)

Dual Clutch Transmission (DCT) – इस तरह के ट्रांसमिशन पहले बताए गए दोनों ट्रांसमिशन से ज्यादा एडवांस है। Dual Clutch Transmission में ज्यादा तेजी से गियर शिफ्ट करने के लिए Twin Clutch System लगाया जाता है। दो क्लच ऑड और ईवन गियर नंबर्स को अलग-अलग तरीके से चेंज करते हैं जबकि गियर सिस्टम वैसा ही रहता है जैसा Mannual Transmission रहता है। हाई ऐंड कार कंपनियां इस तरह के ट्रांसमिशन का इस्तेमाल ज्यादा करती हैं। लेकिन आपको कई किफायती कारों जैसे Volkswagen Polo GTI, Ford Figo और Volkswagen Ameo, Skoda Rapid Diseal आदि में भी Twin Clutch System मिलेगा।
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